
NEET PG 2025: सुप्रीम कोर्ट में पारदर्शिता पर सुनवाई, अगली तारीख 15 मई तय
NEET PG 2025 परीक्षा के बारे में पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर सवाल उठते हुए अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। डॉक्टर्स और मेडिकल उम्मीदवारों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, देश की सर्वोच्च अदालत ने इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करते हुए संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया है। आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।
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NEET PG 2025: सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका: क्यों उठे सवाल?
NEET PG परीक्षा इस बार दो शिफ्टों में आयोजित की गई थी। इस व्यवस्था को चुनौती देते हुए United Doctors Front Association (UDFA) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में कुछ महत्वपूर्ण बिंदु उठाए गए हैं:
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- असमान कठिनाई स्तर: याचिकाकर्ताओं का कहना है कि दो अलग-अलग शिफ्टों में परीक्षा आयोजित करने से सभी छात्रों को समान अवसर नहीं मिलता, क्योंकि दोनों शिफ्टों के प्रश्नपत्रों की कठिनाई स्तर एक समान नहीं होती।
- सामान्यीकरण प्रक्रिया की पारदर्शिता की कमी: परीक्षा में प्राप्त अंकों को सामान्य करने की प्रक्रिया स्पष्ट नहीं है, जिससे छात्रों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
- संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन: याचिका में यह भी कहा गया है कि यह व्यवस्था संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता) का उल्लंघन करती है।
NEET PG 2025 में पारदर्शिता की कमी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, अगली तारीख 15 मई तय
NEET PG 2025 की परीक्षा प्रक्रिया में जवाब कुंजी (Answer Key) और पारदर्शिता की कमी को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार शुक्रवार, 9 मई को सुनवाई की।
यह मामला जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच के सामने पेश हुआ। यह याचिका डॉ. ईशिका जैन और अन्य उम्मीदवारों द्वारा दायर की गई थी।
सुनवाई के दौरान विपक्षी पक्ष ने दलील दी कि अब यह मामला “अप्रासंगिक” (infructuous) हो चुका है, यानी अब इसे आगे बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि काउंसलिंग पूरी हो चुकी है। लेकिन याचिकाकर्ताओं ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह मामला केवल काउंसलिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए है। उन्होंने कहा कि NEET-PG की परीक्षा में न तो उत्तर कुंजी जारी की जाती है, न व्यक्तिगत स्कोर कार्ड, और न ही कोई ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां उम्मीदवार अपनी आपत्तियाँ दर्ज कर सकें। इससे छात्रों को न्याय नहीं मिल पाता और परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं।
कोर्ट ने अब इस मामले की अगली विस्तृत सुनवाई के लिए 15 मई, गुरुवार की तारीख तय की है। यह सुनवाई NEET-PG 2025, जो 15 जून को प्रस्तावित है, से पहले अंतिम मौका होगी कि इस मुद्दे को सुलझाया जाए। इस केस में याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट निखिल गोयल, तन्वी दुबे और एडवोकेट अवनी बंसल ने कोर्ट में पैरवी की।
NEET PG 2025 छात्रों की प्रतिक्रियाएं
देशभर के MBBS पासआउट और इंटर्नशिप कर रहे छात्र इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। ट्विटर (अब X) पर कई हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं, जैसे:
- #NEETPG2025Justice
- #FairNEETPG
- #StopUnfairNormalization
छात्रों का कहना है कि उन्होंने परीक्षा देने में महीनों की मेहनत की है, लेकिन अगर प्रक्रिया पारदर्शी नहीं होगी, तो उनका आत्मविश्वास टूट जाएगा।
पारदर्शिता क्यों है जरूरी?
एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में पारदर्शिता का सीधा संबंध छात्रों के करियर और मानसिक स्वास्थ्य से होता है। अगर परीक्षा प्रक्रिया स्पष्ट और निष्पक्ष नहीं होती, तो इसका असर लाखों छात्रों के भविष्य पर पड़ सकता है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट का दखल और फैसला इस मुद्दे पर छात्रों के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
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जब परीक्षा प्रणाली पर असमंजस होता है, तो यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि छात्रों को सही दिशा-निर्देश और मजबूत तैयारी का प्लेटफॉर्म मिले। अगर आप NEET UG की तैयारी कर रहे हैं और Sikar में सबसे अच्छी NEET Coaching की तलाश में हैं, तो Aayaam Career Academy आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
क्यों चुनें Aayaam Career Academy?
- अनुभवी फैकल्टी: यहाँ के फैकल्टी मेंबर्स खुद NEET टॉपर्स को गाइड कर चुके हैं और उनके पास विषय पर गहरी समझ है।
- वैज्ञानिक अध्ययन सामग्री: NEET के हर चैप्टर के लिए NTA पैटर्न पर आधारित नोट्स और प्रैक्टिस शीट्स तैयार की जाती हैं।
- दैनिक प्रैक्टिस समस्याएँ (DPPs) और मॉक टेस्ट: हर दिन मिलने वाले DPP और नियमित NEET मॉक टेस्ट आपकी परीक्षा की तैयारी को एक मजबूत आधार प्रदान करते हैं।
- प्रदर्शन विश्लेषण: Aayaam में हर टेस्ट के बाद विस्तृत प्रदर्शन विश्लेषण मिलता है, जिससे छात्र अपनी गलतियों को समय पर सुधार सकते हैं।
- व्यक्तिगत मेंटरशिप: हर छात्र की पढ़ाई को ट्रैक करने के लिए समर्पित मेंटर्स नियुक्त किए जाते हैं, जो उनके संदेहों को दूर करते हैं और सही अध्ययन योजना बनाते हैं।
निष्कर्ष:
NEET PG 2025 सिर्फ एक प्रवेश परीक्षा नहीं है, बल्कि यह लाखों मेडिकल छात्रों के करियर, मेहनत और भविष्य से जुड़ी एक बेहद संवेदनशील और गंभीर प्रक्रिया है। जब परीक्षा प्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगते हैं – जैसे कि अलग-अलग शिफ्टों में असमान कठिनाई स्तर, और स्कोरिंग में पारदर्शिता की कमी – तब यह छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और आत्मविश्वास को प्रभावित करता है।
सुप्रीम कोर्ट का इस मामले में दखल और 15 मई 2025 की अगली सुनवाई न सिर्फ याचिकाकर्ताओं बल्कि पूरे देश के NEET उम्मीदवारों के लिए आशा की किरण है। इससे उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में ऐसी परीक्षाओं को निष्पक्ष, पारदर्शी और छात्रों के अनुकूल तरीके से संचालित किया जाएगा।
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