NEET Cutoff 2025: को लेकर छात्रों और उनके अभिभावकों में काफी उत्सुकता है। यह कटऑफ हर साल परीक्षा की कठिनाई, छात्रों की संख्या, और उपलब्ध सीटों के आधार पर निर्धारित होती है। अगर आप NEET 2025 की तैयारी कर रहे हैं, तो यह जानना बेहद जरूरी है कि आपके वर्ग (General, OBC, SC, ST, EWS) के लिए इस बार की संभावित कटऑफ कितनी हो सकती है।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि NEET Cutoff 2025 क्या रहने की उम्मीद है और किन-किन कारकों से यह तय होती है।
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NEET Cutoff 2025 कटऑफ क्या होती है?
NEET (National Eligibility cum Entrance Test) की कटऑफ वो न्यूनतम अंक या परसेंटाइल है, जो किसी भी मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने के लिए उम्मीदवार को हासिल करने होते हैं। अगर कोई छात्र इन न्यूनतम अंकों को नहीं पाता, तो उसे प्रवेश नहीं मिल पाता।
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हर उम्मीदवार के लिए NEET परीक्षा में अलग-अलग श्रेणियों के अनुसार कटऑफ स्कोर होता है। NEET की न्यूनतम अंक सीमा हर साल कई कारणों से बदलती रहती है। चलिए, जानते हैं ये कारण क्या हैं:
NEET Cutoff 2025 : श्रेणी के अनुसार अलग कटऑफ
हर उम्मीदवार किसी न किसी श्रेणी (General, OBC, SC, ST, EWS) से संबंधित होता है। हर श्रेणी के लिए अलग-अलग न्यूनतम अंक तय किए जाते हैं। सामान्य वर्ग (General Category) के छात्रों को अधिक अंक लाने होते हैं, जबकि SC/ST वर्ग के छात्रों को आरक्षण नीति के तहत थोड़े कम अंकों पर भी प्रवेश मिल सकता है।
छात्रों की संख्या में वृद्धि या कमी
अगर किसी साल अधिक छात्र परीक्षा देते हैं, तो प्रतियोगिता भी बढ़ जाती है, जिससे कटऑफ बढ़ जाती है। वहीं अगर छात्र कम होते हैं, तो कटऑफ कम हो जाती है।
पेपर का कठिनाई स्तर
अगर NEET का पेपर कठिन होता है, तो अधिकतर छात्रों के अंक कम आते हैं, जिससे कटऑफ नीचे आ जाती है। लेकिन अगर पेपर आसान होता है, तो अधिक छात्र अच्छे अंक लाते हैं और कटऑफ बढ़ जाती है।
सीटों की उपलब्धता
मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या भी कटऑफ पर असर डालती है। अगर सीटें अधिक होती हैं तो कटऑफ कम हो सकती है। लेकिन अगर सीटें कम होती हैं, तो अधिक अंक लाने वालों को ही प्रवेश मिलेगा और इस कारण कटऑफ बढ़ जाएगी।
NEET 2025 के लिए अनुमानित श्रेणीवार कटऑफ (Expected)
All India Rank (Expected) | NEET Cutoff 2025 (Expected) |
1 | 691 |
100 | 651 |
1000 | 601 |
2000 | 583 |
3000 | 571 |
4000 | 563 |
5000 | 554 |
6000 | 548 |
7000 | 542 |
8000 | 537 |
9000 | 532 |
10000 | 527 |
12500 | 516 |
15000 | 507 |
17500 | 498 |
25000 | 476 |
NEET Cutoff 2025 का उपयोग कहां होता है?
NEET Cutoff 2025 का उपयोग निम्नलिखित प्रवेश प्रक्रियाओं में किया जाएगा:
- MBBS, BDS, और आयुष पाठ्यक्रमों (BAMS, BHMS, BUMS) में दाखिले के लिए।
- अखिल भारतीय कोटा (AIQ) और राज्य स्तरीय कोटा सीटों में भागीदारी के लिए।
- Deemed Universities, Private Colleges, Central Universities और AFMC जैसे संस्थानों में दाखिले के लिए।
NEET कटऑफ को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारण
- उम्मीदवारों की संख्या: जब NEET परीक्षा में भाग लेने वाले छात्रों की संख्या बढ़ जाती है, तो प्रतिस्पर्धा भी बढ़ जाती है। इससे कटऑफ में इजाफा हो सकता है, क्योंकि अधिक छात्रों के बीच चयन करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
- परीक्षा का कठिनाई स्तर: अगर परीक्षा का स्तर कठिन है, तो कई छात्र कम अंक प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे में कटऑफ नीचे जा सकती है, क्योंकि कम अंकों पर भी अच्छे रैंक मिल सकते हैं।
- सीटों की उपलब्धता: यदि मेडिकल कॉलेजों में सीटें अधिक हैं, तो ज्यादा छात्रों को प्रवेश का मौका मिलता है। इससे कटऑफ कम हो सकती है, क्योंकि कम अंकों वाले छात्र भी चयनित हो सकते हैं।
- नॉर्मलाइज़ेशन प्रक्रिया: NEET की परीक्षा कई शिफ्टों में आयोजित होती है। हर शिफ्ट में प्रश्न पत्र का कठिनाई स्तर थोड़ा भिन्न हो सकता है। इसे संतुलित करने के लिए नॉर्मलाइज़ेशन की प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिससे सभी छात्रों के लिए एक समान अवसर सुनिश्चित किया जा सके।
निष्कर्ष
NEET Cutoff 2025 आपके मेडिकल करियर की पहली सीढ़ी है। यह जानना बहुत जरूरी है कि आपके वर्ग के अनुसार आपको कितने अंक लाने की आवश्यकता है। इससे आप अपने लक्ष्यों को और बेहतर तरीके से निर्धारित कर सकते हैं। अगर आप लगातार मेहनत करते हैं और अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित रखते हैं, तो सफलता आपके कदम चूमेगी।
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